उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ : -
वैशाख शुक्ल 3 अक्षय तृतीया के अवसर आज उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ में मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी के पवित्र जल में 13 अखाड़ों का शाही स्नान सम्पन्न हुआ। सर्व प्रथम श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद जी के नेतृत्व में हजारों महंत नागा साधुओं ने क्षिप्रा में आस्था और विश्वास की डुबकियाँ लगाई। जैसे ही सुबह 4 बजे का समय हुआ नागा साधुओं का दल तेजी से क्षिप्रा घाट पर आया और हर-हर महादेव, जय महाकाल, क्षिप्रा मैया की जय हो आदि उद्घोष के साथ पावन सलिला के जल में कूद पड़ा। अमृत स्नान के इस योग के साक्षी बने लोग रामघाट, दत्त अखाड़ा और रामघाट के भवनों पर रातभर से दम साधे इस क्षण का इंतजार कर रहे थे। हर-हर महादेव, जय शिप्रा मैया के नारों से घाट गुंजायमान हो उठे। नागा साधु सन्यासियों, महंतों को उत्साहपूर्वक क्षिप्रा में डुबकी लगाकर अमृतपान करते हुए अलौकिक नजारा देखते ही बन रहा था। सम्पूर्ण क्षिप्रा तट पर शाही स्नान के दौरान लोगों को अलौकिक, अदभुत आनंद की अनुभूति हो रही थी। श्रद्धालुओं ने आस्था और विश्वास का ऐसा नजारा पहली बार देखा। जिसे देखकर वे अदभुत आश्चर्य से सरोबार हो गए। धर्म, आध्यात्म, आस्था और विश्वास का ऐसा अदभुत नजारा जीवन में बहुत कम देखने को मिलता है। यही कारण है कि लाखों श्रद्धालु इस क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और जैसे ही उन्होंने यह नजारा देखा उसे अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने लग गए।
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ-साथ आव्हान व् अग्नि तथा निरंजनी एवं आनंद अखाड़ों ने भी अपने-अपने महामंडलेश्वर श्रीमहंतो ओंर साधु संतो के साथ स्नान का पुण्य अर्जित किया। इसके बाद महानिर्वाणी, पंच अटल अखाड़ों का स्नान हुआ। दूधिया रोशनी में नहाये घाट और शिप्रा के जल में साधुओं को डुबकियाँ लगाते देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो कर आस्था एवं श्रद्धा के साथ उन्हें निहार रहे थे।
एक तरफ दत्त अखाड़ा पर शैव अखाड़ों का स्नान हो रहा था तो दूसरी ओर रामघाट पर वैष्णव अखाड़ों के स्नान की तैयारियाँ चल रही थी। रामघाट पर सबसे पहले निर्वाणी अणि अखाड़ा, दिगम्बर अणि अखाड़ा और बाद में निर्मोही अणि अखाड़े के साधु संतों ने स्नान करेंगे। तत्पश्चात श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा एवं निर्मल अखाड़े के साधु संतों ने जुलूस के रूप में रामघाट पहुँचकर स्नान करेंगे। स्नान के लिए दोनों ओर साधु-संत, हाथी, घोड़े और बग्घियों में सवार होकर आनबान, शान से शिप्रा तट पर पहुँचे। बारह वर्षों में होन वाले इस आयोजन के साक्षी लाखों श्रद्धालु बने।
वैशाख शुक्ल 3 अक्षय तृतीया के अवसर आज उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ में मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी के पवित्र जल में 13 अखाड़ों का शाही स्नान सम्पन्न हुआ। सर्व प्रथम श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद जी के नेतृत्व में हजारों महंत नागा साधुओं ने क्षिप्रा में आस्था और विश्वास की डुबकियाँ लगाई। जैसे ही सुबह 4 बजे का समय हुआ नागा साधुओं का दल तेजी से क्षिप्रा घाट पर आया और हर-हर महादेव, जय महाकाल, क्षिप्रा मैया की जय हो आदि उद्घोष के साथ पावन सलिला के जल में कूद पड़ा। अमृत स्नान के इस योग के साक्षी बने लोग रामघाट, दत्त अखाड़ा और रामघाट के भवनों पर रातभर से दम साधे इस क्षण का इंतजार कर रहे थे। हर-हर महादेव, जय शिप्रा मैया के नारों से घाट गुंजायमान हो उठे। नागा साधु सन्यासियों, महंतों को उत्साहपूर्वक क्षिप्रा में डुबकी लगाकर अमृतपान करते हुए अलौकिक नजारा देखते ही बन रहा था। सम्पूर्ण क्षिप्रा तट पर शाही स्नान के दौरान लोगों को अलौकिक, अदभुत आनंद की अनुभूति हो रही थी। श्रद्धालुओं ने आस्था और विश्वास का ऐसा नजारा पहली बार देखा। जिसे देखकर वे अदभुत आश्चर्य से सरोबार हो गए। धर्म, आध्यात्म, आस्था और विश्वास का ऐसा अदभुत नजारा जीवन में बहुत कम देखने को मिलता है। यही कारण है कि लाखों श्रद्धालु इस क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और जैसे ही उन्होंने यह नजारा देखा उसे अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने लग गए।
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ-साथ आव्हान व् अग्नि तथा निरंजनी एवं आनंद अखाड़ों ने भी अपने-अपने महामंडलेश्वर श्रीमहंतो ओंर साधु संतो के साथ स्नान का पुण्य अर्जित किया। इसके बाद महानिर्वाणी, पंच अटल अखाड़ों का स्नान हुआ। दूधिया रोशनी में नहाये घाट और शिप्रा के जल में साधुओं को डुबकियाँ लगाते देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो कर आस्था एवं श्रद्धा के साथ उन्हें निहार रहे थे।
एक तरफ दत्त अखाड़ा पर शैव अखाड़ों का स्नान हो रहा था तो दूसरी ओर रामघाट पर वैष्णव अखाड़ों के स्नान की तैयारियाँ चल रही थी। रामघाट पर सबसे पहले निर्वाणी अणि अखाड़ा, दिगम्बर अणि अखाड़ा और बाद में निर्मोही अणि अखाड़े के साधु संतों ने स्नान करेंगे। तत्पश्चात श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा एवं निर्मल अखाड़े के साधु संतों ने जुलूस के रूप में रामघाट पहुँचकर स्नान करेंगे। स्नान के लिए दोनों ओर साधु-संत, हाथी, घोड़े और बग्घियों में सवार होकर आनबान, शान से शिप्रा तट पर पहुँचे। बारह वर्षों में होन वाले इस आयोजन के साक्षी लाखों श्रद्धालु बने।
Post a Comment