नई दिल्ली।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बारिश के कारण होने वाले जलभराव से निपटने के लिए संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ज्वाइंट इंस्पेक्शन करके 24 घंटे के भीतर उन्हें रिपोर्ट सौंपी जाए। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि जलभराव की समस्या को दूर करने में लापरवाही दिखाने वाले विभागों/अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उदाहरण के तौर पर एम्स के पास एनबीसीसी के निर्माण कार्य के कारण होने वाले जलभराव को लेकर उक्त एजेंसी को चालान भेजने को कहा गया है। इसके अलावा जलभराव की समस्या की शिकायत के लिए 1077हेल्पलाइन नंबर शुरू हो गया है। ये नंबर 24 घंटे चालू रहेगा। साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस जलभराव के लिहाज से संवेदनशील स्थानों की एक रिपोर्ट अलग से उप-मुख्यमंत्री को सौंपेगी। बारिश की वजह से जलभराव की समस्या को लेकर उप-मुख्यमंत्री ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर सत्येंद्र जैन, दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन कपिल मिश्रा के अलावा पीडब्ल्यूडी, तीनों नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड, ट्रैफिक पुलिस, डीयूएसआईबी, डीएमआरसी, एनडीएमसी, अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट, रेवेन्यू डिपाटर्मेंट, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग सहित कई अन्य विभागों के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बारिश के कारण होने वाले जलभराव से निपटने के लिए संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ज्वाइंट इंस्पेक्शन करके 24 घंटे के भीतर उन्हें रिपोर्ट सौंपी जाए। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि जलभराव की समस्या को दूर करने में लापरवाही दिखाने वाले विभागों/अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उदाहरण के तौर पर एम्स के पास एनबीसीसी के निर्माण कार्य के कारण होने वाले जलभराव को लेकर उक्त एजेंसी को चालान भेजने को कहा गया है। इसके अलावा जलभराव की समस्या की शिकायत के लिए 1077हेल्पलाइन नंबर शुरू हो गया है। ये नंबर 24 घंटे चालू रहेगा। साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस जलभराव के लिहाज से संवेदनशील स्थानों की एक रिपोर्ट अलग से उप-मुख्यमंत्री को सौंपेगी। बारिश की वजह से जलभराव की समस्या को लेकर उप-मुख्यमंत्री ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर सत्येंद्र जैन, दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन कपिल मिश्रा के अलावा पीडब्ल्यूडी, तीनों नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड, ट्रैफिक पुलिस, डीयूएसआईबी, डीएमआरसी, एनडीएमसी, अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट, रेवेन्यू डिपाटर्मेंट, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग सहित कई अन्य विभागों के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।
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