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आने वाले अक्टूबर महीने में पहली बार ऐसा हो रहा है जिसमें नवरात्र की शुरुआत से लेकर दीपावली लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा तक के सारे त्यौहार पड़ रहे हैं। पिछले वर्षों में यह पर्व, त्यौहार सितंबर से शुरू होते और नवंबर तक संपन्न होते थे। इस बार वैसा नहीं है जैसा पहले होता आया है। इस बार नवरात्र की घट स्थापना से लेकर दशहरा व दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार अक्टूबर में शुरू होंगे और संपन्न भी होंगे। इस वर्ष शारदीय नवरात्र भी 9 दिन से अधिक यानी 10 दिन की रहेगी। 23 अक्टूबर को रवि पुष्प नक्षत्र है। इस दिन से व्यापारी अपने बही-खातों की शुरुआत करेंगे। पुष्प नक्षत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।
अक्टूबर के महीने से शुभ कार्यों की भी शुरुआत होगी। नई वस्तुओं की खरीदारी, भूमि पूजन, गृह-प्रवेश, नवीन प्रतिष्ठानों का उद्घाटन, वाहन की खरीदी से संबंधित विशेष शुभ मुहूर्त अक्टूबर महीने में ही हैं। पंडित लखन शास्त्री ने बताया कि अक्टूबर में सूर्यदेव का कन्या व तुला राशि में गोचर होगा।
शारदीय नवरात्र एक अक्टूबर से शुरू होंगे। इस बार नवरात्र में एक दिन बढ़ गया है। शास्त्रों में 10 दिन के नवरात्र शक्ति उपासना के लिए अत्यंत शुभ माने गए हैं। इस वर्ष मां दुर्गा का वाहन तुरंग (घोड़ा) है। इस बार नवरात्र के 10 में से आठ दिन राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धियोग और अमृत योग के संयोग बन रहे हैं।
एक अक्टूबर से नवरात्रि शुरू होंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर के मूर्तिकार देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। कलाकार शेर पर सवार मां दुर्गा, भगवान शिव पर पैर रखे हुए हुए, महिषासुर का वध करती हुई और काली माता की प्रतिमाएं तैयार कर रहे हैं। ये प्रतिमाएं शहर में तकरीबन चार स्थानों पर बनाई जा रही हैं। शहर में पांच से 15 फीट तक की प्रतिमाओं की प्रतिस्थापना की जाएगी। इसके लिए समितियों ने भी तैयारियां कर ली हैं।
आने वाले अक्टूबर महीने में पहली बार ऐसा हो रहा है जिसमें नवरात्र की शुरुआत से लेकर दीपावली लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा तक के सारे त्यौहार पड़ रहे हैं। पिछले वर्षों में यह पर्व, त्यौहार सितंबर से शुरू होते और नवंबर तक संपन्न होते थे। इस बार वैसा नहीं है जैसा पहले होता आया है। इस बार नवरात्र की घट स्थापना से लेकर दशहरा व दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार अक्टूबर में शुरू होंगे और संपन्न भी होंगे। इस वर्ष शारदीय नवरात्र भी 9 दिन से अधिक यानी 10 दिन की रहेगी। 23 अक्टूबर को रवि पुष्प नक्षत्र है। इस दिन से व्यापारी अपने बही-खातों की शुरुआत करेंगे। पुष्प नक्षत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।
अक्टूबर के महीने से शुभ कार्यों की भी शुरुआत होगी। नई वस्तुओं की खरीदारी, भूमि पूजन, गृह-प्रवेश, नवीन प्रतिष्ठानों का उद्घाटन, वाहन की खरीदी से संबंधित विशेष शुभ मुहूर्त अक्टूबर महीने में ही हैं। पंडित लखन शास्त्री ने बताया कि अक्टूबर में सूर्यदेव का कन्या व तुला राशि में गोचर होगा।
शारदीय नवरात्र एक अक्टूबर से शुरू होंगे। इस बार नवरात्र में एक दिन बढ़ गया है। शास्त्रों में 10 दिन के नवरात्र शक्ति उपासना के लिए अत्यंत शुभ माने गए हैं। इस वर्ष मां दुर्गा का वाहन तुरंग (घोड़ा) है। इस बार नवरात्र के 10 में से आठ दिन राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धियोग और अमृत योग के संयोग बन रहे हैं।
एक अक्टूबर से नवरात्रि शुरू होंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर के मूर्तिकार देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। कलाकार शेर पर सवार मां दुर्गा, भगवान शिव पर पैर रखे हुए हुए, महिषासुर का वध करती हुई और काली माता की प्रतिमाएं तैयार कर रहे हैं। ये प्रतिमाएं शहर में तकरीबन चार स्थानों पर बनाई जा रही हैं। शहर में पांच से 15 फीट तक की प्रतिमाओं की प्रतिस्थापना की जाएगी। इसके लिए समितियों ने भी तैयारियां कर ली हैं।
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