सिहस्थ महाकुंभ /---
आज शाही पर्वणी में जगतगुरू स्वामी स्वरूपांनंद जी ने भी आस्था कि डुबकी लगाई
"अक्षय तृतीया" नाम मात्र से ही शब्दार्थ ज्ञान हो गया होगा । इस सृष्टि में सबसे भाग्यशाली वही है जिसे कि सत्कार्य कर पाने का अवसर प्राप्त हो, और उससे भी बडा भाग्यवान तो वो है जिसने अवसर आते ही उसका लाभ लिया हो । ऐसा ही पवित्र अवसर आज हम सब के जीवन में भी प्रारब्धवशात् उपस्थित हुआ कि कुम्भ का पर्व, माँ क्षिप्रा का पावन तट, द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज का सान्निध्य, इस त्रिवेणी रूपी अवसर में पर्व स्नान का सौभाग्य हम सब को प्राप्त हुआ । हैं ना हम सब भाग्यशाली ? परन्तु आप सब ऐसा ना सोचो कि आपको ये अवसर ना मिल सका । अपने शास्त्रों में ये कहा गया है कि, किसी भी धर्मकार्य में येनकेन प्रकारेण किसी भी तरह सम्मिलित हो जाने मात्र से व्यक्ति पुण्य का भागी होता है। आप सबने भी क्षिप्रा का स्नान किया इसी भावना के साथ ।
पूज्य महाराजश्री के साथ स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी, ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ब्रह्मचारीगण समेत सहस्रों शिष्यों ने पर्व स्नान किया ।
आज शाही पर्वणी में जगतगुरू स्वामी स्वरूपांनंद जी ने भी आस्था कि डुबकी लगाई
"अक्षय तृतीया" नाम मात्र से ही शब्दार्थ ज्ञान हो गया होगा । इस सृष्टि में सबसे भाग्यशाली वही है जिसे कि सत्कार्य कर पाने का अवसर प्राप्त हो, और उससे भी बडा भाग्यवान तो वो है जिसने अवसर आते ही उसका लाभ लिया हो । ऐसा ही पवित्र अवसर आज हम सब के जीवन में भी प्रारब्धवशात् उपस्थित हुआ कि कुम्भ का पर्व, माँ क्षिप्रा का पावन तट, द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज का सान्निध्य, इस त्रिवेणी रूपी अवसर में पर्व स्नान का सौभाग्य हम सब को प्राप्त हुआ । हैं ना हम सब भाग्यशाली ? परन्तु आप सब ऐसा ना सोचो कि आपको ये अवसर ना मिल सका । अपने शास्त्रों में ये कहा गया है कि, किसी भी धर्मकार्य में येनकेन प्रकारेण किसी भी तरह सम्मिलित हो जाने मात्र से व्यक्ति पुण्य का भागी होता है। आप सबने भी क्षिप्रा का स्नान किया इसी भावना के साथ ।
पूज्य महाराजश्री के साथ स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी, ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ब्रह्मचारीगण समेत सहस्रों शिष्यों ने पर्व स्नान किया ।
श्रीशंकराचार्य घाट(लाल घाट A), सिंहस्थ, उज्जैन, वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया तदनुसार दिनाँक ९ मई
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