चांदुर रेल्वे / शहेजाद खान /--

चांदूर रेलवे के प्रतिष्ठित परीवार के मूख्य मूखिया श्री रामनरेशजी जगन्नाथजी विश्वकर्मा इनका शनिवार की रात देहांत हो गया. मृत्युसमयी वय 81 साल के थे.
रामनरेशजी ईनका जन्म 1938 चांदूर रेलवे मे हूआ. ईनका प्राथमिक शिक्षण सूभाष स्कूल चांदूर रेलवे तथा माध्यमिक शिक्षण जिल्हा परीषद चांदूर रेलवे मे हूआ ईनका सामाजीक क्षेत्र मे बडा सहयोग रहा तथा क्रीडा क्षेत्र मे भी भरपूर योगदान रहा!यह ऐक समय मे स्थानिक भारत व्याहाम शाळा के भारतीय खेल कब्बडी के ऊत्कूष्ट खिलाडी भी रह चूके है
ऊनकी जन्म भूमी ,कर्मभूमी तथा मोकक्षभूमी ऐक ही जगह याने चांदूर रेलवे ही रही है ऊनके पिता श्री जगन्नाथजी दूसरे महायूध के स्वतंत्र सेनानी रह चूके है तथा भारतीय सेना के रँक 2 पर कार्य कर चूके है अपने पिता के आदर्श पर रामनरेशजी ने अपना पूरा जिवन बिताया व ऊन्होने अपने परिवार को सदैव देश सेवा व समाज सेवा के हीत के लिऐ प्रेरीत करते सहे !
रामनरेशजी ने अपने 81 वर्ष के जीवन काल मे समाज को 3 डाॅक्टर तथा 1 राजनेता व 2 बेटे सामाजिक क्षेत्र मे अपनी-अपनी सेवा प्रधान कर रहे है !
> रामनरेशजी अपने पिछे 2 भाई,6 बहने, 5 बेटे व बेटी सहीत पूरा भराभूरा परीवार छोड गये

चांदूर रेलवे के प्रतिष्ठित परीवार के मूख्य मूखिया श्री रामनरेशजी जगन्नाथजी विश्वकर्मा इनका शनिवार की रात देहांत हो गया. मृत्युसमयी वय 81 साल के थे.
रामनरेशजी ईनका जन्म 1938 चांदूर रेलवे मे हूआ. ईनका प्राथमिक शिक्षण सूभाष स्कूल चांदूर रेलवे तथा माध्यमिक शिक्षण जिल्हा परीषद चांदूर रेलवे मे हूआ ईनका सामाजीक क्षेत्र मे बडा सहयोग रहा तथा क्रीडा क्षेत्र मे भी भरपूर योगदान रहा!यह ऐक समय मे स्थानिक भारत व्याहाम शाळा के भारतीय खेल कब्बडी के ऊत्कूष्ट खिलाडी भी रह चूके है
ऊनकी जन्म भूमी ,कर्मभूमी तथा मोकक्षभूमी ऐक ही जगह याने चांदूर रेलवे ही रही है ऊनके पिता श्री जगन्नाथजी दूसरे महायूध के स्वतंत्र सेनानी रह चूके है तथा भारतीय सेना के रँक 2 पर कार्य कर चूके है अपने पिता के आदर्श पर रामनरेशजी ने अपना पूरा जिवन बिताया व ऊन्होने अपने परिवार को सदैव देश सेवा व समाज सेवा के हीत के लिऐ प्रेरीत करते सहे !
रामनरेशजी ने अपने 81 वर्ष के जीवन काल मे समाज को 3 डाॅक्टर तथा 1 राजनेता व 2 बेटे सामाजिक क्षेत्र मे अपनी-अपनी सेवा प्रधान कर रहे है !
> रामनरेशजी अपने पिछे 2 भाई,6 बहने, 5 बेटे व बेटी सहीत पूरा भराभूरा परीवार छोड गये
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