विशेष बातमी /--

इस बार शनिदेव दो दिन अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाएंगे। चार जून को आज इस बार शनि जयंती और अमावस्या दोनों एक साथ हैं। लेकीन शनि जयंती पांच जून को मनाई जाएगी। चार जून को शनि अमावस्या रहेगी। अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि जयंती पर रोहिणी नक्षत्र, अमावस्या तिथि और उच्च का चंद्रमा होगा। शनि जयंती पर बरसों बाद विशेष संयोग बनने के साथ ही खरीद का श्रेष्ठ मुहूर्त स्थायी जय योग भी होगा। आभूषण, वाहन आदि की खरीद शुभ स्थायित्व प्रदान करने वाली रहेगी।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक शनिश्चरी अमावस्या चार जून को सुबह 11.49 बजे से शुरू होकर 5 जून को सुबह 8.30 बजे तक रहेगी। पांच जून को शनि जयंती मनाई जाएगी।
पंडित अरुण वेदांती के अनुसार शनिवार रविवार दोनों दिन अमावस्या का योग है। दोनों दिन शनि की उपासना करने के ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। शनि देव ऐश्वर्य के कारक हैं। शनि इस समय वृश्चिक राशि में मंगल के घर में संचलन कर रहा है इसलिए घटना, दुर्घटना से बचने के लिए शनि का अभिषेक करना उचित होगा।
Post a Comment