मठ-मन्दिर सार्वजनिक स्थान है, इन्हें वैयक्तिक बनाने की चेष्टा अनुचित- : स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती
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vidarbha
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3:02:00 PM
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मठ-मन्दिर सार्वजनिक स्थान है, इन्हें वैयक्तिक बनाने की चेष्टा अनुचित- : स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती
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