कर्नाटक
और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद पर गठित निगरानी समिति ने कर्नाटक को
रोज 21 से 28 सितंबर तक तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश था कि कर्नाटक, तमिलनाडु के लिए 15 सितंबर तक रोज 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ेगा। लेकिन निगरानी समिति के फैसले के बाद उसे पांच गुना कम पानी छोड़ना होगा।
समिति के इस फैसले पर कर्नाटक और तमिलनाडु ने नाराजगी जताई है. कर्नाटक मंगलवार को इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा. ऐसे में हर किसी की निगाह सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर है, जहां पानी छोड़े जाने को लेकर फैसला सुनाया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट मामले में कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. कर्नाटक जहां छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में कमी चाहती है, वहीं तमिलनाडु ने अधिक पानी की मांग रखी है. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कर्नाटक को 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा था, जबकि तमिलनाडु ने 20 हजार क्यूसेक पानी की मांग की थी
सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश था कि कर्नाटक, तमिलनाडु के लिए 15 सितंबर तक रोज 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ेगा। लेकिन निगरानी समिति के फैसले के बाद उसे पांच गुना कम पानी छोड़ना होगा।
समिति के इस फैसले पर कर्नाटक और तमिलनाडु ने नाराजगी जताई है. कर्नाटक मंगलवार को इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा. ऐसे में हर किसी की निगाह सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर है, जहां पानी छोड़े जाने को लेकर फैसला सुनाया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट मामले में कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. कर्नाटक जहां छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में कमी चाहती है, वहीं तमिलनाडु ने अधिक पानी की मांग रखी है. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कर्नाटक को 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा था, जबकि तमिलनाडु ने 20 हजार क्यूसेक पानी की मांग की थी
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